Guru purnima गुरू पूर्णिमा

गुरू पूर्णिमा




गुरू पूर्णिमा का पर्व हिन्दू धर्म में बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन लोग अपने गुरुओं की पूजा करते हैं और उनके प्रति अपना आभार प्रकट करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था।  यह पर्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। भारत की सभ्यता और संस्कृति में गुरू का स्थान सर्वोपरि है क्योंकि गुरू हमें ज्ञान देकर हमें सफलता के मार्ग पर अग्रसर करते हैं।


गुरू पूर्णिमा पर्व गुरु की पूजा करने और उनके प्रति सम्‍मान प्रकट करने का त्‍योहार है। गुरु पूर्णिमा के दिन बहुत से लोग अपने दिवंगत गुरु अथवा ब्रह्मलीन संतों के चिता या उनकी पादुका का धूप, दीप, पुष्प, अक्षत, चंदन, नैवेद्य आदि से विधिवत पूजन करते हैं। 
गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्‍दी उठकर दैनिक क्रिया से निवृत्‍त होकर स्‍नान कर लें।स्नान ध्यान करके भगवान विष्णु, शिवजी की पूजा करने बाद गुरु बृहस्पति, महर्षि वेदव्यास की पूजा करें इसके बाद अपने गुरु की पूजा करें।


गुरू पूर्णिमा का महत्व
गुरू के बिना एक शिष्य के जीवन का कोई अर्थ नहीं है। रामायण से लेकर महाभारत तक गुरू का स्थान सबसे महत्वपूर्ण और सर्वोच्च रहा है। गुरु की महत्ता को देखते हुए ही महान संत कबीरदास जी ने लिखा है- “गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाये, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाये।” यानि एक गुरू का स्थान भगवान से भी कई गुना ज्यादा बड़ा होता है। गुरु पूर्णिमा का पर्व महार्षि वेद व्यास के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। वेदव्यास जो ऋषि पराशर के पुत्र थे। शास्त्रों के अनुसार महर्षि व्यास को तीनों कालों का ज्ञाता माना जाता है। महार्षि वेद व्यास के नाम के पीछे भी एक कहानी है। माना जाता है कि महार्षि व्यास ने वेदों को अलग-अलग खण्डों में बांटकर उनका नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद रखा। वेदों का इस प्रकार विभाजन करने के कारण ही वह वेद व्यास के नाम से प्रसिद्ध हुए।


कैसे मनाए गुरू पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं का पूजन किया जाता है। गुरु की हमारे जीवन में महत्व को समझाने के लिए गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा पर लोग अपने गुरुओं को उपहार देते हैं और उनकाआर्शीवाद लेते हैं। जिन लोगों के गुरु अब इस दुनिया में नहीं रहे वे लोग भी गुरुओं की चरण पादुका का पूजन करते हैं। माना जाता है कि इस दिन गुरुओं का आर्शीवाद लेने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शास्त्रों में गुरु को परम पूजनीय माना गया है।




Guru purnima गुरू पूर्णिमा Guru purnima  गुरू पूर्णिमा Reviewed by Princy singh on July 15, 2019 Rating: 5

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