चंद्रयान 2 का सफल परीक्षण
चंद्रयान 2 के सफल परीक्षण के बाद भारत उन चंद अग्रिम देश की श्रेणी में आ गया है जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है।
आंध्र प्रदेश स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र चंद्रयान2 के सफल परीक्षण के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। सोमवार 22जुलाई 2019 को जब 2:43 को चंद्रयान 2 का प्रक्षेपण हुआ तो सबकी सांसे थमी हुई थी।
बाद मे जब राकेट ने अपनी तीसरे स्टार को पार कर लिया तब सबने सास ली।इससे पहले 15 जुलाई को प्रक्षेपण होने वाला था परंतु तकनीकी खराबी की वजह से अभियान बीच मे रोकना पड़ा था।
चंद्रयान2 को पृथ्वी की कक्षा में पहुँचाने के लिए इसरो ने अपने शक्तिशाली राकेट जीसलवी मार्क3 का उपयोग किया।इस राकेट का स्थानीय नाम बाहुबली है।375 करोड़ रूपए की लागत से बना बाहुबली का वजन 640 टन है। चंद्रयान2 के तीन हिस्से है।
1.ऑर्बिटर : ऑर्बिटर चाँद क्चक्कर लगायेगा।
2.लैंडर: डॉ विक्रम साराभाई के नाम पर लैंडर का नाम रखा गया है।
3रोवर:प्रज्ञान संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है ज्ञान।जो की चाँद पर चलेगा।
अब तक विश्व के केवल तीन देशों अमेरिका,रुस और चीन ने अपना यान चाँद पर उतारा है। चंद्रयान2 चाँद के जिस दक्षिणी ध्रुव वाले क्षेत्र पर उतरेगा वहां अभी तक किसी देश ने अभियान को अंजाम नहीं दिया है।अभियान से चाँद की सतह का नक्शा तैयार करने में भी मदद मिलेगी, जो भविष्य में अन्य अभियान मे सहायक होगा। इसरो की इस नयी उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति और कई नेताओं ने बधाई दी है।
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