नही रहे साहित्य और फिल्म जगत के सितारे:गिरीश कर्नाड
गिरीश कर्नाड जी (जन्म 19मई 1938)का निधन दस जून 2019 सोमवार को बंगलुरु में हुआ।
उनके निधन के साथ ही साहित्य और फिल्म जगत को क्षति पहुंची है।वें भारत के जाने माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक और नाटककार थे। वें कन्नड़ और अंग्रेजी दोनों भाषा मे लिखते थे।उन्होंने कई फिल्मों का निर्देशन भी किया था।
गिरीश कर्नाड का जन्म 19 मई 1938 को माथेरन, महाराष्ट्र में हुआ था. उनका पूरा नाम गिरीश रघुनाथ कर्नाड था. उनकी शुरुआती पढ़ाई मराठी में हुई. उन्होंने कन्नड़ भाषा तब सीखी जब परिवार कर्नाटक के धारावाड में शिफ्ट हो गया. उस वक्त कर्नाड की उम्र 14 वर्ष थी. गिरीश ने 1958 में कर्नाटक आर्ट्स कॉलेज से कर्नाड ने अपना ग्रेजुएशन किया. उनका विषय गणित था. 1960-63 में उन्होंने इंग्लैंड जाकर आगे की पढ़ाई पूरी की. कर्नाड ने इग्लैंड में दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की.
कर्नाड जी 1961 मे अपना पहला नाटक ययाति कन्नड़ भाषा मे लिखा था।दूसरा नाटक उनका तुगलक था जो की मोहम्मद बिन तुगलक पर आधारित था।फिर हयवदन,तलेंदड और नागमंडल जैसे और भी नाटक प्रसिद्ध हुए और उनका अनुवाद भी विभिन्न भाषाओं मे किया गया है।
उन्होंने कई हिंदी फिल्म जैसे स्वामी,मंथन,इकबाल और डोर जैसे फिल्म मे अपने अभिनय से दर्शको का मनोरंजन भी किया है।उन्होंने 90 के दशक मे प्रसारित होने वाले मालगुडी डेज मे भी काम किया है।vamsha vriksha बतौर डायरेक्टर उनकी पहली फिल्म थी।
उनके निधन के साथ ही साहित्य और फिल्म जगत को क्षति पहुंची है।वें भारत के जाने माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक और नाटककार थे। वें कन्नड़ और अंग्रेजी दोनों भाषा मे लिखते थे।उन्होंने कई फिल्मों का निर्देशन भी किया था।
गिरीश कर्नाड का जन्म 19 मई 1938 को माथेरन, महाराष्ट्र में हुआ था. उनका पूरा नाम गिरीश रघुनाथ कर्नाड था. उनकी शुरुआती पढ़ाई मराठी में हुई. उन्होंने कन्नड़ भाषा तब सीखी जब परिवार कर्नाटक के धारावाड में शिफ्ट हो गया. उस वक्त कर्नाड की उम्र 14 वर्ष थी. गिरीश ने 1958 में कर्नाटक आर्ट्स कॉलेज से कर्नाड ने अपना ग्रेजुएशन किया. उनका विषय गणित था. 1960-63 में उन्होंने इंग्लैंड जाकर आगे की पढ़ाई पूरी की. कर्नाड ने इग्लैंड में दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की.
कर्नाड जी 1961 मे अपना पहला नाटक ययाति कन्नड़ भाषा मे लिखा था।दूसरा नाटक उनका तुगलक था जो की मोहम्मद बिन तुगलक पर आधारित था।फिर हयवदन,तलेंदड और नागमंडल जैसे और भी नाटक प्रसिद्ध हुए और उनका अनुवाद भी विभिन्न भाषाओं मे किया गया है।
उन्होंने कई हिंदी फिल्म जैसे स्वामी,मंथन,इकबाल और डोर जैसे फिल्म मे अपने अभिनय से दर्शको का मनोरंजन भी किया है।उन्होंने 90 के दशक मे प्रसारित होने वाले मालगुडी डेज मे भी काम किया है।vamsha vriksha बतौर डायरेक्टर उनकी पहली फिल्म थी।
गिरीश कर्नाड को 1972 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1992 में कन्नड़ साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1994 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1998 में ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला. 1998 में उन्हें कालिदास सम्मान भी दिया गया है. सिनेमा और साहित्य में योगदान के लिए कर्नाड को भारत सरकार ने 1974 में पद्म श्री, 1992 में पद्म भूषण सम्मान दिया गया.
1971 में बेस्ट डायरेक्टर कैटेगरी में नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित
1973 में बेस्ट फीचर फिल्म Kaadu के लिए नेशनल अवॉर्ड
1977 में कन्नड़ बेस्ट फीचर अवॉर्ड फिल्म से सम्मानित।
उन्होँने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर आयी फिल्म मे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जी की आवाज़ भी दी थी
1973 में बेस्ट फीचर फिल्म Kaadu के लिए नेशनल अवॉर्ड
1977 में कन्नड़ बेस्ट फीचर अवॉर्ड फिल्म से सम्मानित।
उन्होँने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर आयी फिल्म मे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जी की आवाज़ भी दी थी
गिरीश कर्नाड 1938-2019
गिरीश कर्नाड के निधन पर प्रधानमंत्री सहित कई बड़ी हस्तियों ने ट्वीट करके शोक जाहिर किया है।
Girish Karnad will be remembered for his versatile acting across all mediums. He also spoke passionately on causes dear to him. His works will continue being popular in the years to come. Saddened by his demise. May his soul rest in peace.— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2019
नही रहे साहित्य और फिल्म जगत के सितारे:गिरीश कर्नाड
Reviewed by Pragatisheel Bharat
on
June 10, 2019
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