Akshay tritiya( akha teej)
Akshay tritiya
(भगवान परशुराम जयंती )
अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। यह वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य ,चंद्रमा अपने उच्च प्रभाव में होते है। इनका तेज सर्वोच्च पर होता है इस वजह से इस दिन को अति शुभ माना जाता है।
अक्षय का अर्थ है जिसका क्षय न हो। अर्थात अक्षय तृतिया को किए गए सभी शुभ कामो का कभी क्षय नई होता है। इस दिन बिना मुहूर्त के कोज भी शुभ काम किया जा सकता है।
इस दिन दान पुण्य किया जाता है। धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। जरुरतमंदो को फल ,मिष्ठान, आदि चीज़े धन की जाती है। इस दिन किया गया यह पूण्य का कार्य अक्षय ह जाता है। इस तृतीया को भारत तथा नेपाल के हिन्दू तथा जैन धर्म के लोगों द्वारा अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है।यह तिथि प्रतिवर्ष बदलती रहती है जैसे कि 2018 में थ 18 अप्रैल तथा 2019 में 7 मई को है।
इस वर्ष महासंयोग बन रहा है क्योंकि सूर्य,शुक्र, चंद्रमा, राहु सभी अपने सर्वोच्च स्थान पर है ।ऐसी स्थिति 2003 में भी बनी थी।
अक्षय तृतीया से जुड़ी पौराणिक कथाएँ
इस दिन विष्णु भगवान के परशुराम रूप का जन्म हुआ था।इसलिए अक्षय तिथि को भगवन परशुराम जयंती के रूप में भी मनाई जाती है।
इस ही दिन भागीरथी के तपस्या के कारण गंगा माँ धरती पर अवतरित हुईं थीं। गंगा माँ की धारा भी अक्षय है।
सुदामा और कॄष्ण का मिलन भी इसी दिन हुआ था।।
इस ही दिन भागीरथी के तपस्या के कारण गंगा माँ धरती पर अवतरित हुईं थीं। गंगा माँ की धारा भी अक्षय है।
सुदामा और कॄष्ण का मिलन भी इसी दिन हुआ था।।
Akshay tritiya( akha teej)
Reviewed by Annu
on
May 07, 2019
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