Plants to start gardening with


जानिए ऐसे पौधों के बारे में जिन्हे घर में लगाना है सबसे आसान जो बढ़ाएगी आपके घर की शोभा और रखेगी घर की हवा को साफ़ और शुद्ध 

Best Plants To start  Gardening


हरी भरी प्रकृति किसको पसंद नहीं | सभी चाहते हैं की उनके आस पास का वातावरण शुद्ध, साफ़ और स्वच्छ हो | आज कल की जल वायु में प्रदुषण कुछ ऐसे मिल गया है कि वह न केवल पर्यावरण को क्षति पहुंचा रहा है, बल्कि इंसानो की भी जान ले रहा है और हम कुछ नहीं कर पाते | इसलिए यह जरुरी हो जाता है कि हम अपने घरों में कुछ ऐसे पौधे लगाएं जो न केवल हमे शुद्ध हवा प्रदान करें बल्कि हमारे घर की शोभा और सुंदरता को भी बढ़ाएं|
खुबसूरत बगीचे में सैर करने को मिले तो दिल खुश हो जाता है। इसके साथ मन और दिमाग दोनों ही तरोताज़ा हो जाते हैं। ज़िंदगी में चाहे कितना भी तनाव या परेशानियां क्‍यों ना हों, प्रकृति की गोद में कुछ समय बिताने के बाद मन को ताज़गी मिलती है। आज की आधुनिक ज़िंदगी में प्रकृति को खुद के करीब महसूस करने का एक ही तरीका है और वो है अपना खुद का गार्डन होना।
आपमें से बहुत लोगों को गार्डनिंग (gardening ) का शौक होगा और आप तरह तरह के पौधों की तलाश में रहते होंगे जिसकी देखभाल  आसान हो और जिसे देखकर आपका दिल भी गार्डेन-गार्डेन  हो जाये | हम सभी जानते हैं कि आधुनिक जीवनशैली में हम लोगों के लिए बागवानी के लिए समय निकाल पाना कितना मुश्‍किल काम है। ऐसी परिस्थिति में, हम आपको बताएँगे कि ऐसे कौन से पौधे हैं जो आप अपने घर में लगा सकते हैं, जिन्हे कम देखभाल चाहिए और जो बिना पानी के भी महीनो रह सकते हैं| अधिक जानकारी के लिए आप यह वीडियो भी देख सकते हैं | 




१.बोगनवेलिया (Bougainvillea )- यह एक ऐसा पौधा है जो आमतौर पर हर जगह पाया जाता है | आपने खुद भी इसे बहुत सी जगहों पर देखा  होगा | इसमें रंग- बिरंगे छोटे छोटे फूल खिलते हैं जो कि गुलाबी, लाल, सफ़ेद, मैजेंटा , बैंगनी इत्यादि रंगों के होते हैं| इस पौधे को लगाना सबसे आसान है क्यूंकि यह किसी भी तरह की मिटटी में आसानी से लग जाते हैं | इन्हे लगाते समय इस बात का  ध्यान दें कि जब इसे लगाएं तो तुरंत बाद बहुत सारा पानी दें ,लेकिन एक बार जब पौधा लग जाये तब इसे तभी पानी दें जब तक की इसकी मिटटी पूरी तरह से सुख न जाये | 

२. सिडम (sedum )- यह एक सकुलेंट  (succulent ) प्रजाति का पौधा है | इसे धुप बहुत पसंद होती है | तो इसे ऐसी जगह रखे जहाँ धुप अच्छी आती हो और इसे पानी भी कम चाहिए होता है तो इसे तभी पानी दें जब इसकी  मिटटी  कुछ सेंटीमीटर तक सूख जाये | इसे  गर्मियों में हफ्ते में एक बार भी पानी देंगे तो यह जीवित रह लेगा और सर्दियों में १  महीने में एक बार पानी दें | 

३. एडेनियम (Adenium )- इसे डेजर्ट रोज बी कहते हैं यानि कि  रेगिस्तान का गुलाब | नाम से ही साफ़ है की इस पौधे को भी धुप बहुत पसंद है और कम पानी की भी जरुरत होती है | यह भी एक प्रकार का सकुलेंट है | सर्दियों क मौसम में यह houseplant  की तरह इस्तेमाल  होता है  यानि कि इंडोर प्लांट की तरह | इसमें भी छोटे छोटे फूल खिलते  हैं जो बहुत ही सुन्दर लगते हैं, साथ ही घर की शोभा बढाकर , घर के माहौल को खुशनुमा बना देते हैं | इस पौधे का इस्तेमाल बोन्साई (bonsai ) बनाने के लिए भी होता है | 

४. पीस लिली (peace lily) नासा की क्लीन एयर स्टडी में इन पौधों को प्रदूषण  कम करने के लिए लिहाज से काफी असरदार पाया गया। इस पौधे को forgiving plant के नाम से भी  जाना जाता है क्योंकि यह आपको हर बार खिल क माफ़ कर देती है | अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे होता होगा ? तो ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस पौधे की पत्तियां जब मुरझा जाएँ तभी आपको इसे पानी देने की जरुरत पड़ती  है और जैसे ही आप इसे पानी देंगे , इसकी पत्तियां फिर से खिल जाएँगी | इस पौधे को धुप बहुत पसंद है तो आप इसे घर की बालकनी में या फिर खिड़की क पास रख सकते हैं जहाँ पर धुप अच्छी आती है | 

५. नागफनी (snake plant )-  यह भी एक सकुलेंट है | इसे भी कम पानी और कम देखभाल की जरुरत होती है | इसे तभी पानी दें जब इसके मिट्टी की ऊपरी सतह पूरी तरह से सुख जाये, ज्यादा पानी की वजह से इसके जड़ें सड़ जाती हैं | यह अनेक प्रकार के एयर पोलूटेंट्स को सोख लेता है | रात में ऑक्सीजन देता है तो आप इसे बैडरूम में भी रख सकते हैं | 

६. ऐलो वेरा (Aloe Vera) -यह एयर पलूशन को सोखता है | यह स्किन और बालों को तो सुंदर बनाता ही है, कब्ज और मोटापे को भी कम करता है | इसे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती | ज्यादा पानी देने से यह पौधा खराब हो जाता है | इसे सूरज की ज्यादा रोशनी की जरूरत नहीं होती है | ठंड के समय इसे धुंध से बचाएं और धूप में जरूर रखें | 

७. मनी प्लांट (Money Plant) - इसे छांव में रखें क्योंकि इसे ज्यादा धूप की जरूरत नहीं होती | 
बोतल में पानी भरकर भी  इसे लगा सकते हैं, इसे काफी कम मेंटनेंस चाहिए |  

८ . क्रिसमस कैक्टस (Christmas Cactus) - इस पौधे में सर्दियों में क्रिसमस के आसपास फूल खिलते हैं|  
 इसे कम धूप की जरूरत होती है | इसे बालकनी में या खिड़की के पास रख सकते हैं | 

९ . जेड प्लांट या बटन बेल (Portulacaria afra)- यह पौधा सजावट के लिए ज्यादातर इस्तेम्मल किया जाता है ,इसकी लम्बी लम्बी लताएं जब बालकनी से या खिड़की से निचे लटकती हैं तो वह देखने में बहुत  ही सुन्दर लगती हैं | इसे भी कम पानीकी जरुरत होती है ,धुप बहुत पसंद है | इस पौधे की मिट्टी में अगर आप बालू मिला देंगे तो यह इसकी ग्रोथ में बहुत मददगार होगा और आपका पौधा बहुत ही तेजी से बढ़ेगा | 




क्यों है सकुलेंट अलग बाकि पौधों से? 
सुकुलेंट्स एक प्रकार के पौधे होते हैं जिन्हे बाकि पौधों के मुकाबले कम पानी की जरुरत होती है | यह कई महीनो एक बिना पानी के रह सकते हैं | अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हे काम के सिलसिले में अक्सर बहार रहना पड़ता है या फिर जिसके  पास खुद के लिए भी  समय नहीं  है और पौधों का ध्यान रखने का समय तो बिल्कुल नहीं है तो आप अपने घर में सुकुलेंट्स  जरूर लगाइये |  सुकुलेंट्स को कम पानी की जरुरत होती है क्योंकि -
  • बाकि पौधों की तरह यह पौधे अपनी स्टोमेटा (stomata ) को दिन में न खोल कर रात में खोलते हैं ताकि यह ज्यादा से ज्यादा पानी बचा सकें |  दिन में धुप की वजह से ट्रांस्पिरेशन (transpiration ) ज्यादा होता है तब यह अपनी स्टोमेटा  को बंद कर देते  हैं | इस मेटाबोलिज्म को crassulacean  acid metabolism कहते हैं जिसमे पौधे रात में कार्बन डाइऑक्साइड लेकर ऑक्सीजन देते हैं और इसी कार्बन डाइऑक्साइड को वे दूसरे दिन photosynthesis में इस्तेमाल करते हैं | 
  • यह पानी को अपनी जड़ों पत्तियों और तनों में स्टोर कर क रखते हैं और यह पानी जरुरत के समय इनके लिए reserve water  की तरह काम करता है| 
  •  इनके पास बाकि पौधों से बहुत ही कम स्टोमेटा होते हैं और वे साइज में बी छोटे होते हैं  जिससे की पानी का लॉस  कम होता है | 
  • सुकुलेंट्स के स्टोमेटा  पत्तियों की सतह से नीचे  होते हैं जो की एक परत से ढके होते हैं , इससे भी पानी का कम लॉस  होता है | 




इंडोर गाडेनिंग के कुछ टिप्स 
  • इन्डोर प्लांटेशन काफी हद तक आपके हरे-भरे सपनों को पूरा कर सकता है। शहरी लोगों को आउटडोर जगह की कमी हमेशा खलती है, क्योंकि लॉन का आनंद और खूबसूरती फ्लैटों में नहीं मिल पाती। जबकि घर में हरियाली लुभाती है। इन्डोर गार्डनिंग से इंटीरियर डेकोरेशन में भी मदद मिल सकती है। इन्डोर गार्डनिंग से आप अपने गार्डनिंग के शौक को पूरा करने के साथ-साथ घर के इंटीरियर को भी नया लुक दे सकते हैं। 
  • इन्डोर गार्डन से सिर्फ घर की खूबसूरती ही नहीं बढ़ती, बल्कि कमरे को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन भी मिलती है। लेकिन, इन्डोर गार्डन का रखरखाव और सही पौधों का चुनाव बेहद जरूरी है। अगर आपका गार्डन इन्डोर है, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि पौधे को ज्यादा से ज्यादा सूरज की रोशनी मिले। गमले के पौधों को बड़ी खिड़की के सामने या बालकनी में रखें, ताकि उन्हें पर्याप्त सूरज की रोशनी मिलती रहे। साथ ही आप गमले के पौधों को खुले में भी रख सकते हैं।
  • इन्डोर गार्डनिंग के लिए बाजार में तरह-तरह की चिकने  और रंग-बिरंगे कंटेनर, पॉट एवं प्लांटर मिलते हैं। इनके इस्तेमाल से आप अपने घर को एवरग्रीन लुक दे सकते हैं। दिल्ली की इंटीरियर डेकोरेशन एक्सपर्ट सोनल बाथला के मुताबिक प्लांटर्स की लोकेशन भी काफी मायने रखती है। पौधे का चयन करते वक्त उसे रखने के लिए लोकेशन का भी ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ऐसे कई प्लांट्स हैं, जो इन्डोर या फिर छाया में बेहतर परफॉर्म करते हैं। 
  • इसके बारे में आप किसी नजदीकी नर्सरी में जाकर जानकारी ले सकते हैं। पौधों का चुनाव करते समय अपने घर में उपलब्ध जगह का भी जरूर ध्यान रखें। जैसे-बालकनी में अगर सिंगल ऑर्किड या फिर हैंगिंग बास्केट लगाना हो, तो बेहतर लुक मिल सकती है। इसी तरह आपके घर में अगर रेलिंग है, तो विंडो बॉक्स फ्लावर प्लांट्स उस जगह की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं। ऐसे पौधों का चयन करना ठीक रहता है, जिनकी कम रखरखाव की जरूरत हो। मच्छरों से बचाव के लिए प्लांटर ट्रे हफ्ते में एक बार जरूर साफ करें।
  • रंग-बिरंगे सिरेमिक कंटेनर या फिर मेटल कंटेनर इन्डोर प्लांट की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देते हैं। इंटीरियर डिजाइनर्स की मानें, तो इन दिनों ग्रीक ब्लू और गेरुआ रंग का ट्रेंड अब काफी चलन में है। वेलवेट ज्वेल टोन में तो ये कलर रॉयल लुक देते हैं। प्लांटर के रूप में आप इन रंगों को अपने इन्डोर गार्डन में भी शामिल कर अपने घर को आकर्षक लुक दे सकते हैं।
  • हम इंसानों की तरह पौधों को भी ज़िंदा रहने के लिए किसी के साथ की ज़रूरत होती है। ज़्यादातर पौधों के दूसरे पौधे दोस्‍त की तरह होते हैं। ऐसे में अगर आप इन पौधों को एकसाथ या नज़दीक रखते हैं तो इन्‍हें बढ़ने में मदद मिलती है। अगर आप अपने पौधों को जल्‍दी और हेल्‍दी तरीके से बड़ा करना चाहते हैं तो ये तरीका अपना सकते हैं।
  • जिस पानी से फल और सब्ज़ियों को धोया जाता है, अगर वो पानी पौधों में डाल दिया जाए तो इससे उन्‍हें ज़्यादा फायदा मिलता है। अंडों का उबला हुआ पानी भी पौधों में डाल सकते हैं। ये पौधे को प्राकृतिक तरीके से बढ़ने में मदद करते हैं| 












Plants to start gardening with Plants to start gardening with Reviewed by Princy singh on December 07, 2018 Rating: 5

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