Rukmabai: First women doctor of India रुक्माबाई
Rukmabai: First women doctor of India भारत की प्रथम महिला चिकित्सक
भारत की प्रथम महिला चिकित्सक थीं।वह एक ऐतिहासिक क़ानूनी मामले के केंद्र में भी थीं, जिसके परिणामस्वरूप 'एज ऑफ कॉन्सेंट एक्ट, 1891' नामक क़ानून बना था। रुक्माबाई को डॉक्टर बनने की इच्छा थी और वे लोगों की सेवा करना चाहती थीं। उनके इस फैसले को घरवालों और लोगों का समर्थन मिला। इसके लिए 'लंदन स्कूल ऑफ़ मेडिसन' में भेजने और पढ़ाई के लिए एक फंड तैयार किया गया था। वहाँ से रुक्माबाई ने स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1895 में वापस भारत लौटीं। रुक्माबाई ने सूरत के महिला अस्तपाल को चुना। उन्होंने जीवन भर डॉक्टरी की। डॉ. रुक्माबाई एक सामाजिक सुधारक भी थीं, जिन्होंने कई बुराईयों के लिए आवाज उठाई और महिला और बाल अधिकारों के लिए खुलकर बोला।
परिचय
रुक्माबाई का जन्म 22 नवम्बर, 1864 को बढ़ई समुदाय में मुंबई में हुआ था। उनके पिता का नाम जनार्दन पांडुरंग व माता का नाम जयंतीबाई था। जनार्दन पांडुरंग की मौत के बाद जयंतीबाई ने अपनी संपत्ति 8 साल की रुक्माबाई को सौंप दी।
रुक्माबाई का विवाह दादाजी भीकाजी के साथ ग्यारह वर्ष की उम्र में ही उनकी इच्छा के विरुद्ध हो गया था। उस समय बाल विवाह आम बात थी। हालांकि उन्हें अपनी शिक्षा पूरी करने की इजाजत थी, लेकिन उनके पति दादाजी भीकाजी राउत ने धीरे-धीरे उन्हें अपने साथ रहने के लिए मजबूर किया।
मार्च 1884 में दादाजी ने मुम्बई उच्च न्यायालय में पत्नी पर वैवाहिक हकों को बहाल करने के लिए याचिका दायर की, जिसका फैसला दादाजी के हक में आया। न्यायालय ने कहा कि या तो वे न्यायालय का फैसला माने या उन्हें जेल जाना होगा। रुक्माबाई ने ब्रिटिश सरकार से कहा कि अपने पति के साथ वैवाहिक रिश्तों में उलझकर रहने के के बजाय वे जेल में रहना पसंद करेंगी।
सालों पहले जब महिलाओं के लिए कोई अधिकार भी नहीं थे, उस वक्त रुक्माबाई ने अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हुईं। उन्होंने 11 साल की उम्र में विवाह की वैधता पर सवाल खड़े किए। उस वक्त उनके पति 19 साल के थे। उन्होंने ग़रीबी और खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर पति के साथ रहने से इनकार कर दिया था। 1885 में जजों के निर्णय ने दादाजी भीकाजी के वैवाहिक अधिकारों के सौंपे जाने के दावे को रद्द कर दिया। हालांकि साल 1888 में रुक्माबाई और दादाजी के बीच एक समझौता हुआ, जिसके मद्देनजर रुक्माबाई ने पति को मुआवजा दिया और शादी से पूरी तरह से मुक्ति पाई।
Rukmabai: First women doctor of India रुक्माबाई
Reviewed by Janhitmejankari Team
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November 21, 2018
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