Batukeshwar dutta : क्रन्तिकारी जिसे आज़ाद भारत ने भुला दिया

 Batukeshwar dutta : A great but forgotten revolutionary of India's freedom struggle


क्रांतिकारी जिससे स्वंतंत्रता सेनानी होने का प्रमाण मांगा गया था। जी हाँ आपने सही पढ़ा।  जिस आज़ादी के लिए सर पर कफ़न बांधकर निकले थे बटुकेश्वर दत्त उन्हें नहीं पता था की उसी आज़ाद देश में उन्हें भुला दिया जायेगा।  

बटुकेश्वर का जन्म 18 नवम्बर 1910 में हुआ था।  बटुकेश्वर ने 1947 में शादी की थी।  उन्होंने अपने जीवन के सभी महत्वपूर्ण कार्य टाल दिए थे।  क्यूँकि उनके लिए इस  की आज़ादी से महत्पूर्ण कोई कार्य न था।  
अगर आप लोगों ने इतिहास नहीं पढ़ा तो एतिहासिक फिल्मे तो देखीं ही होंगी खासकर अजय देवगन जी द लेजेंड ऑफ़ भगत सिंह। अगर अपने ये फिल्म नहीं देखी तो जरूर देखिये। क्यों  भगत सिंह ने असेंबली में बम फेकने के लिए बटुकेश्वर को चुना। 

भारत की आज़ादी में बटुकेश्वर जैसे अनगिनत लोगों ने अपना योगदान  है।  लाखों से प्राणो की आहुति दे दी।  लेकिन औपचारिक रूप से सबसे बड़ा योगदान इंडियन नेशनल कांग्रेस का ही रहा।  कांग्रेस की मुख्य भूमिका को नकारा नहीं  जा सकता लेकिन ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों को भूल जाना गलत होगा। 


नवंबर 1947 में अवनि से शादी कर के बटुकेश्वर पटना में बस गया। देश आज़ाद हो जाने क बाद भी उनका संघर्ष ख़त्म नहीं हुआ।  उन्होंने पटना की सड़को पे बहुत खाक छानी।  अलग अलग तरह के काम भी किये जैसे -सिगरेट कंपनी के एजेंट, टूरिस्ट गाइड।  ऐसी कहानी है की एक बार बसों के लिए परमिट मिल रहा था। 
बटुकेश्वर जब आज़ाद भारत में परमिट के लिए  पटना के कमिश्नर के सामने पेश हुए  तो उनसे कहा गया कि वे स्वतंत्रता सेनानी होने का प्रमाण पत्र लेकर आएं।  हालाँकि जब ये बात तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जी को पता चली तो कमिश्नर ने बटुकेश्वर से माफ़ी मांगी थी।  

 बंगाल में बर्दवान जिले के ओरी गांव में  में जन्मे बटुकेश्वर की कॉलेज की  पढाई के लिए कानपूर में हुई थी। कानपुर में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान उनकी भगत सिंह से भेंट हुई। यह 1924 की बात है। भगत सिंह से प्रभावित होकर बटुकेश्वर दत्त उनके क्रांतिकारी संगठन हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन असोसिएशन से जुड़ गए।  उन्होंने बम बनाना भी सीखा।  क्रांतिकारियों द्वारा आगरा में एक बम फैक्ट्री बनाई गई थी जिसमें बटुकेश्वर दत्त ने अहम भूमिका निभाई। 

20 जुलाई 1965 में बटुकेश्वर जी का बीमारी के कारन देहांत हो गया।  उनकी समाधी भी भगत सिंह के साथ पंजाब के हुसैनीवाला में है। 


ऐसे ही लाखो क्रांतिकारियों को हम भुला चुके है।  आइये आज उनके जन्मदिन  पे उन्हें याद करें और उनकी वीरता को नमन करें। 



Batukeshwar dutta : क्रन्तिकारी जिसे आज़ाद भारत ने भुला दिया Batukeshwar dutta :  क्रन्तिकारी जिसे आज़ाद भारत ने भुला दिया Reviewed by Annu on November 18, 2018 Rating: 5

1 comment:

  1. जानकार बेहद दुःख हुआ की ऐसे महान क्रन्तिकारी के साथ ऐसा हुआ।

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