Sardar Patel सरदार वल्लभ भाई पटेल
सरदार वल्लभ भाई पटेल
संक्षिप्त परिचय
सरदार वल्लभ भाई पटेल जी,जिन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नडियाड,गुजरात के लेवा कृषक परिवार मे हुआ। वे झवेरभाई पटेल एवं लाडबा देवी की चौथी संतान थे। सोमाभाई, नरसीभाई और विट्टलभाई उनके अग्रज थे।
इन्होंने लंदन से वकालत की पढ़ाई की।
1928 मे भारत स्वतंत्रता के दौरान बारडोली में अंग्रेजो लगान 30% बढ़ा दिया था जिसके विरोध में सरदार जी के नेतृत्व में आंदोलन हुआ
एक न्यायिक अधिकारी बूमफील्ड और एक राजस्व अधिकारी मैक्सवेल ने संपूर्ण मामलों की जांच कर 22 प्रतिशत लगान वृद्धि को गलत ठहराते हुए इसे घटाकर 6.03 प्रतिशत कर दिया।
इस सत्याग्रह के बाद ही बारडोली की महिलाओं ने उन्हें सरदार कहकर पुकारा
स्वतन्त्रता आन्दोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बड़ा योगदान खेडा संघर्ष में हुआ। गुजरात का खेडा खण्ड (डिविजन) उन दिनो भयंकर सूखे की चपेट में था। किसानों ने अंग्रेज सरकार से भारी कर में छूट की मांग की। जब यह स्वीकार नहीं किया गया तो सरदार पटेल, गांधीजी एवं अन्य लोगों ने किसानों का नेतृत्व किया और उन्हे कर न देने के लिये प्रेरित किया। अन्त में सरकार झुकी और उस वर्ष करों में राहत दी गयी। यह सरदार पटेल की पहली सफलता थी।
आज़ादी के बाद देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार पटेल जी बने।
प्रथम गृह, सूचना तथा रियासत विभाग के मंत्री भी थे। सरदार पटेल की महानतम देन थी 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण करना।
आज़ादी के बाद जूनागढ़,हैदराबाद और जम्मू और कश्मीर विरासतों ने भारत में विलय नही स्वीकारा।
पटेल जी के प्रयासों से जूनागढ़ का विलय भारत में हुआ और वह का नवाब पाकिस्तान चला गया।
और हैदराबाद में आपरेशन पोलो के तहत सैनिक कार्यवाई के वह के नवाब ने आत्मसमर्पण कर दिया।
किन्तु नेहरू ने काश्मीर को यह कहकर अपने पास रख लिया कि यह समस्या एक अन्तराष्ट्रीय समस्या है।
भारत के एकीकरण के लिए ही उन्हें लौह पुरुष कहा जाता है।
गृहमंत्री के रूप में वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आई.सी.एस.) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आई.ए.एस.) बनाया।
सरदार सरोवर परियोजना - जिसका नाम उन सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर रखा गया था, जो इस परियोजना के पीछे प्रेरक शक्ति थे (उन्होंने देश की स्वतंत्रता से पहले ही इसका सपना देख लिया था) और जिनके संकल्प के कारण प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसका शिलान्यास किया था - से 18 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और राज्य के लगभग 72 तालुकों में 3,000 से अधिक गांवों को जिससे लाभ होगा। इससे राजस्थान में 2.46 लाख हेक्टेयर भूमि और महाराष्ट्र में बड़े भूभाग की सिंचाई में भी मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस परियोजना के कारण “चार करोड़ गुजरातियों को पीने का पानी मिल जाएगा।”।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण गुजरात में नर्मदा नदी पर बना सरदार सरोवर बांध 17 सितंबर को राष्ट्र को समर्पित कर दिया।अहमदाबाद के हवाई अड्डे का नामकरण सरदार वल्लभभाई पटेल अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया है।
गुजरात के वल्लभ विद्यानगर में सरदार पटेल विश्वविद्यालय
सन १९९१ में मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित ।
राष्ट्रीय एकता दिवस भारत की मौजूदा केंद्र सरकार के प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से हर वर्ष 31 अक्टूबर को मनाने का फैसला किया| इस दिन को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष में पूरे भारत में मनाया जाता है| इस दिन को मनाने का ख़ास मकसद भारत में सभी लोगो के बीच एकता के विचार को बढ़ावा देना है|
स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एसएआई) के 2000 प्रतिभागियों के साथ "राष्ट्रीय शिक्षा दिवस" (राष्ट्रीय एकता दिवस) के पालन के हिस्से के रूप में, खेल विभाग, युवा मामलों और खेल मंत्रालय 31 अक्टूबर, 2018 को "एकता के लिए भागो" में भाग लेंगे। , भारत गेट, नई दिल्ली में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और राष्ट्रीय युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस)।
खेल हस्तियाँ अर्थात् श्री। जफर इकबाल (ओलंपियन, हॉकी), श्रीमती मैरी कॉम (ओलंपियन, बॉक्सिंग), श्री। शरद (पैरा एथलीट), सुश्री दीपा के कर्मकर (जिमनास्टिक), श्रीमान।अभिषेक वर्मा (तीरंदाजी) और सुश्री सोनिया लादर "रन" में भाग लेंगे।
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम ने "एकता के लिए भागो" आयोजित करने के लिए तैयार किया है। मंत्रालय ने प्रतिभागियों के लिए 2000 टी-शर्ट और "रन के लिए ध्वज" के लिए ध्वज की व्यवस्था की है।
प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर, 2018 को गुजरात के केवडिया में राष्ट्र की सबसे ऊंची मूर्ति, "एकता की प्रतिमा" को समर्पित करेंगे।
सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर की प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले के केवडिया में उनकी जयंती पर देश को समर्पित होगी।
लॉन्च समारोह में, प्रधान मंत्री और अन्य गणमान्य लोग "एकता की प्रतिमा" के समर्पण को चिह्नित करने के लिए मिट्टी और नर्मदा जल को कलाश में डाल देंगे। मूर्ति के वर्चुअल अभिषेक को शुरू करने के लिए प्रधान मंत्री लीवर दबाएंगे।
प्रधान मंत्री सभा को संबोधित करेंगे।
वह फिर एकता की दीवार पर पहुंच जाएगा, और इसका उद्घाटन करेगा। एकता की प्रतिमा के चरणों में, प्रधान मंत्री एक विशेष प्रार्थना करेंगे। वह संग्रहालय और प्रदर्शनी, और दर्शक गैलरी का दौरा करेंगे। यह गैलरी, 153 मीटर की ऊंचाई पर, एक समय में 200 आगंतुकों को समायोजित कर सकती है। यह सरदार सरोवर बांध, इसके जलाशय, और सतपुरा और विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं का शानदार दृश्य पेश करता है।
समर्पण समारोह को आईएएफ विमान के फ्लाईपैस्ट और सांस्कृतिक मंडलियों के प्रदर्शन द्वारा भी विरामित किया जाएगा।
Sardar Patel सरदार वल्लभ भाई पटेल
Reviewed by Janhitmejankari Team
on
October 30, 2018
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